Thursday 5 July 2012

L.S.College के NSS भवन में लगी आग की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, विश्वविद्यालय करवाए न्यायिक जाँच

नयी दिल्ली, 6 जुलाई, 2012|   एल.एस.कॉलेज परिसर में स्थित एन.एन.एस भवन में लगी आग न केवल दुर्भाग्यपूर्ण घटना है बल्कि एन.एस.एस. से जुड़े कॉलेज के पूर्व व वर्तमान छात्र अत्यंत दुःख का अनुभव कर रहे है. भवन में टंगी प्रतिभाशाली छात्रों की पेंटिंग, कुछ यादगार कार्यक्रमों की तस्वीरें और हर वह बात जो राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक के नाते उस भवन में गुजरी, बरबस याद आ जा रही है.  उस भवन से जुड़ी अनेक यादें अब राख हो चुकी है और उन यादों को फिर से जीवंत करना असंभव हो गया है लेकिन आग लगने की यह घटना कई सवाल भी खड़े करते है, जिसका जबाब छात्र जरुर जानना चाहेंगे.
                             हम सभी इस बात से परिचित है कि विगत कुछ वर्षों से कॉलेज में एन.एस.एस का कार्य बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है. एन.एस.एस फंड के रहते अनेक वर्षों से शिविर भी आयोजित नहीं हो रहे थे . एन.एस.एस. के वर्षभर आयोजित होनेवाले कार्यक्रम भी नियमित तौर पर नहीं आयोजित हो पा रहे थे. यहाँ तक की एन.एस.एस गतिविधियों में शामिल छात्रों को प्रमाण पत्र भी निर्गत नहीं किये जा रहे थे. अनेक बार ध्यान दिलाने व शिकायत करने के बाबजूद इस दिशा में कोई करवाई नहीं हुई तथा छात्र बिना प्रमाणपत्र लिए हमेशा मायूस होकर चुपचाप कॉलेज से पास आउट होते रहे. 3 वर्ष पहले जब छात्रों ने युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार से बंद पड़ी एन.एस.एस. गतिविधियों के सम्बन्ध में शिकायत की तब विश्वविद्यालय की 3 सदस्यीय जाँच टीम शिकायत का परिक्षण करने कॉलेज आयी थी. समिति ने सारी कुव्यवस्था देखी. कॉलेज प्रशासन  के साथ साथ मैं व्यक्तिगत तौर पर छात्रों का पक्ष रखने हेतु मौजूद था. जाँच टीम पारंपरिक रीती रिवाजों को बरक़रार रखते हुए आज तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची और तमाम शिकायतों व जाँच के बाबजूद आज तक कोई करवाई नहीं की जा सकी है. उस समिति में शामिल डॉ. राजेंद्र महतो बाद में कुलपति बने तो मैंने फिर जाकर उनसे आग्रह किया कि "छात्रों की समस्या अपने खुद देखी थी और जाँच भी किया. हमें रिपोर्ट से कोई मतलब नहीं, बस सिर्फ प्रमाण पत्र दिलवा दीजिये." कुछ नहीं हुआ. हुआ यह की महाविद्यालय में एन.एस.एस. चलाने में असमर्थ रहे तत्कालीन पदाधिकारी को विश्वविद्यालय में अधिकारी भी बाद में बना दिया गया.

आज भी अनेक छात्र प्रमाण पत्रों की बाँट जोह रहे है. ऐसे हालात में एन.एस.एस. भवन में आग लगना कही न कही एक सोची समझी रणनीति के तहत की गयी करवाई लगती है. मिली जानकारी के मुताबिक भवन में रखी दोनों अलमारियां जलकर राख हो गयी तथा कुर्सी चोरी कर ली गयी. कुर्सी चोरी करनेवालों को आलमारी से क्या मतलब? अगर चोर को यह लगा भी होगा की आलमारी में कुछ कीमती वस्तुएं होंगी और उसने ताला तोड़कर वह सामान भी निकाल लिए होंगे, फिर आग लगाने की जरुरत क्यूँ पड़ी ?  परिसर में मौजूद सुरक्षा कर्मी या रात्रिसेवा में रहने वालें कर्मी कहाँ थे ?  कही न कही उपरोक्त प्रश्न उठने स्वाभाविक है . ऐसे में इसे सामान्य घटना समझकर छोड़ देना व्याव्याहरिक तौर पर सही नहीं होगा.

    लंगट सिंह महाविद्यालय एन.एस.एस. के पूर्व दलनायक होने के  नाते मैं विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करता हूँ कि एन.एस.एस.भवन में लगी आग की तुरंत न्यायिक जाँच करवाए तथा अविलम्ब दोषियों को पकड़ा जाये. निश्चित तौर पर आग लगने की घटना प्राकृतिक घटना नहीं बल्कि सोची समझी रणनीति के तहत अंजाम दी गयी घटना है .

Tuesday 3 July 2012

The first batch of Students---L.S.College


The first batch of Students---L.S.College
(1899)



                First Year
1.  Ramesh Chandra Majumdar
2.  Bijoy Bihari Mukherjee
3.  Hari Narayan
4.  Purushottam Prasad
5.  Mahamaya Prasad
6.  Shyam Narayan Singh
7.  Parmeshwar Prasad
8.  Moti Lal Sen
9.  Gaya Prasad
10. Fouzdar Nrayan Singh
11. Raghunandan Prasad
12. Subodh Kumar Mukherjee
13. Syed Mustafa Hussain
14. Bhagwat Prasad
15. Ambika Prasad
16. Md. Nasir
17. Sukhdeva Narayan
18. Ramdhari Lal
19. Jayagobind Chowdhary
20. Bindeshwari Prasad Varma
21. Bahram Ali
22. Ganesh Prasad Rai
23. Md. Hussain.
24. Nag Narayan
25. Chakradhar Prasad
26. Rajib Nain Mishra
27. Ganga Vishnu
28. Mahabir Prasad
29. Ramavatar Narayan
30. Kamla Prasad
31. Abdul Hai
32. Ahmad Hussain
33. Singeshwar Prasad
34. Gopal Das
35. Bhagwat Nath Sinha
               
 Second Year
1     Syed Muhammad Mustaqueen
      Ramabatar Prasad Varma
3.      Raghunath Prasad Sukul
4.      Atindra Nath Chatterjee
5.      Khitish Chnadra Sen
6.      Azizur Rahman Shah
7.      Mahadeva Prasad Pandey
8.      Mahadeva Prasad Singh
9.      Mokhtar Ahmad
10.  Jang Bahadur
11.  Md. Waliul Haq
12.  Tara Prasanna Ghosh
13.  Brahmdeva Nrayan
14.  Shiw Darshan Mishra
15.  Dhirendra Nath Sen
16.  Ramanand Singh
17.  Harbans Sahay
18.  Brahmdeva Narayan
19.  Bindabasini Prasad Varma
20.  Nageshwar Prasad
21.  Ramadhari Singh
22.  Mathura Prasad
23.  Nakuleshwar Bandyopadhay
24.  Raghunath Sahay
25.  Jaswant Sahay
26.  Tauhidul Hassan
27.  Jagadambi Sahay
28.  Ram Prasad
29.  Jatindra Nath Bhattacharya
30.  Amir Hussain
31.  Amrita Lal Bose
32.  Md. Waheed
33.  Pande Ananda Vihary Anisul
34.  Rameshwar Prasad
35.  Anisul Hassan




Source: Hundred Years of the University of Calcutta Descriptive Accounts of College, Available in Culcutta University.