Tuesday 22 March 2011

सहेजे कॉलेज की यादे..

शैक्षणिक जगत में एक ध्रुवतारें की तरह चमकने वाला लंगट सिंह महाविद्यालय आमलोगों के बीच एल. एस.कॉलेज के नाम से प्रचलित है। कॉलेज  हमेशा से एक नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले और अपने मेहनत तथा लगन से जीवन के हर क्षेत्र में सफलताओं के झंडे गारने वाले छात्रों  के कारण  जाना जाता है। एक बड़े भूखंड पर स्थापित तथा शानदार भवनों से  सुशोभित कॉलेज का परिसर बरबस लोगो का ध्यान अपनी तरफ खिचती  है । ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के तर्ज़ पर बने  इस कॉलेज के भवन न केवल लोगो को आकर्षित करती  है बल्कि अनायाश उनका ध्यान उन चीजों की तरफ ले जाती  है जो बिल्डिंग के निर्माण के समय ध्यान में रखा जाता है,जैसे भूकंप से बचने के उपाय ,पानी निकासी के सुव्यवस्थित प्रबंध, इमारतों की नक्काशी । अन्तरिक्ष अनुसन्धान के क्षेत्र  में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने के अपने अतीत का मूक चेहरा रूपी गोल -घरनुमा जगह कॉलेज परिसर में स्थित है जो कभी आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी । गाँधी के चंपारण आन्दोलन के श्रीगणेश जिस कुँए पर स्नान और संकल्प के साथ हुआ था उसकी याद के रूप में एक गाँधी कूप परिसर में स्थित है ।
ऐसे अनेक चीज़े कॉलेज परिसर में स्थित है जो अपने आप में एक अलग और विशिष्ट  होने का प्रमाण देती है ।
लंगट सिंह महाविद्यालय सिर्फ भवनों के कारण ही प्रसिद्ध नहीं  है बल्कि उन् हजारों छात्रों के कारण पुरे एशिया में  जाना जाता है जिन्होंने समाज  के हर क्षेत्र में विकाश का एक नया इतिहास रचा है। 
बात देश की खातिर खून देने की हों या ब्रह्माण्ड में जीवन की उत्पत्ति सम्बन्धी धारणाओं को चुनौती देने की(कॉलेज के पूर्व छात्र नासा के अभियान में सम्मिलित है जो उत्पत्ति के कारणों को ढूंढ़ रहा है) कॉलेज के छात्र सभी जगहों पर आगे रहे है । 
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद महाविद्यालय के संस्थापक शिक्षकों में शामिल थे और वर्तमान परिसर का चयन उन्होंने ही किया था । स्वतंत्रता सेनानी और  आजादी   के समय कांग्रेस के अध्यक्ष  आचार्य जे.बी.कृपलानी महाविद्यालय में पढ़ाते थे तथा गाँधी जी के चंपारण आन्दोलन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । राष्ट्रकवि  रामधारी सिंह दिनकर इतिहास विभाग के प्राध्यापक राज्यसभा के सदस्य बनने तक इसी कॉलेज में  थे तथा कॉलेज परिसर उर्वर्शी की रचना का गवाह बना । ऐसे न जाने कितने बड़े बड़े नाम और उनसे जुडी वास्तविक कहानियों से पटी पड़ी महाविद्यालय का परिसर है ।

 आईये, हम अपने गौरवशाली अतीत को समेटे  और भविष्य के चुनौतियों के समाधान को लेकर तत्पर अपने महाविद्यालय की यादों से जुड़े और उन्हें सहेज कर अपने भावी-पीढ़ी को एक नयी दिशा-बोध कराने का काम करें । कॉलेज के सभी छात्रों से आग्रह है कि एक बार फिर से कॉलेज अपनी पुरानी रंगत में, जिसके जोश में सराबोर होकर छात्र न केवल IAS ,IPS बनते थे बल्कि सामाजिक,राजनितिक क्षेत्रों  में भी अपनी सफलता का परचम लहराते थे, लौट आये । इसके लिए हम क्या कर सकते है इसपर  विचारें, सोचें, चर्चाएँ करे ताकि सब कुछ अच्छा ही अच्छा दिखे,  नकारात्मक चीजों से बहुत नुकसान झेलना पड़ा है लंगट बाबु के खून-पसीनो से सीचीं धरती को।
शुरुआत कर दी हमने, अंजाम तक पहुँचाने की जिम्मेवारी बिना आपके सहयोग से संभव नहीं है। महाविद्यालय के प्रति आपका जुड़ाव और उसके बेहतरी के लिए आपके मन में पल रहे सपने, हमें
 अपने प्यारे कॉलेज को  उसके ऐतिहासिक वैभव तक लें जाने में मदद करेगी ऐसा मेरा मानना है।
जुड़िये इस आन्दोलन से । यह आन्दोलन किसी के विरोध की खातिर नहीं बल्कि नये इतिहास के  निर्माण की खातिर है । 
अपने सुझाव, समर्थन pariwartan2020@hotmail .com  पर मेल करके या 09717167232 पर भेजे.. आपके विचारों का इंतजार रहेगा 

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