Wednesday 23 March 2011

नयी पहल:राष्ट्रिय धरोहर के लिए

ऐतिहासिक लंगट सिंह कॉलेज को राष्ट्रिय धरोहर के रूप में दर्ज़ा देने हेतु आज विद्यार्थियो की तरफ से एक पहल के तौर पर प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा गया। संसद के सत्र प्रारंभ रहने के कारण प्रधानमंत्री कार्यालय के सम्बंधित पदाधिकारी ने तुरंत कुछ कहने में असमर्थतता जताई लेकिन पत्र का जबाब जल्द से जल्द आगे की करवाई के योजना सहित भेजने का वादा किया है।


अभी तक क्या हुआ 
लंगट  सिंह कॉलेज से संबंधित एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव  सरकार के समक्ष राष्ट्रिय जनता दल के विधायक डॉ.रामचन्द्र पूर्वे ने बिहार विधानसभा में पिछली  सरकार(नितीश सरकार के प्रथम कार्यकाल में)  में उठाया था जिसके सन्दर्भ में महाविद्यालय के पास एक पत्र भी आया था | इस पत्र में  सारी ऐतिहासिक दस्तावेजों को संकलित कर भेजने का निर्देश मिला था। फिर इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ.अशोक अंशुमन ने इस दिशा में कुछ प्रयास किये , परन्तु अभी तक मामला निष्कर्ष तक नहीं पंहुचा और कही कही गाँधी से जुड़ी बातों तक ही सिमटी  रही।
विदित हो की इससे पहले महाविद्यालय की तरफ से कॉलेज में स्थित महात्मा गाँधी से जुड़ी चीजों और यादों को सहेज़ने हेतु दिनांक 29/6/2009 को एक पत्र पर्यटन मंत्री को भेजा गया था जिसके जबाब में जिलाधिकारी की अनुसंसा के पश्चात् एक दैनिक समाचार पत्र के रिपोर्ट के मुताबिक 65लाख रुपये मिले। परन्तु  ये सारी गतिविधियाँ सिर्फ गाँधी के यादों और उनसे जुडी चीजों तक ही सिमित रह गयी, जबकि इस महाविद्यालय से अनेक महत्वपूर्ण लोग जुड़े हुए थे, जैसे डॉ.राजेंद्र प्रसादआचार्य जे.बी.कृपलानीरामधारी सिंह दिनकर आदि। इनसे  जुड़ी बातो की तरफ तो महाविद्यालय प्रशासन का ध्यान रहा और न हीं सरकार के तरफ से इस दिशा में कोई ठोस कदम अबतक उठाई गयी है। दिनकर का जन्मसताब्दी समारोह भी ढंग से एक सप्ताह नहीं मनाया गया और राजेंद्र प्रसाद के याद में सालाना (लगभग) आयोजित होने वाला इतिहास विभाग का सेमिनार विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के लिए सिर्फ औपचारिकता मात्र है ,क्योंकि तो सम्बंधित पदाधिकारी रूचि लेते है है और धन मुहैया कराने में दिलचस्पी है किसी को 


क्या है पैमाना दर्ज़ा देने की
भारतीय पुरातत्व  विभाग १०० वर्ष से अधिक पुराने स्थल को, जो ऐतिहासिक और कलात्मक दृष्टि से महत्व रखता हो ( 1958 की अधिनियम के अनुसार ), उसे ऐतिहासिक धरोहर का दर्ज़ा प्रदान कर केवल उसके रख-रखाव की व्यवस्था करती है बल्कि उसके व्यापक प्रचार-प्रसार की भी कोसिस करती है ताकि उसके बारे  में अधिक से अधिक लोग जान पाए। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर यह प्रयास शुरू किया गया ।  महाविद्यालय केवल 112 साल पुराना हो चूका है बल्कि इसका भवन भी ऑक्सफोर्ड की तर्ज़ पर बनी रहने के कारण कलात्मक रूचि का भी  है जिसे संरक्षित रखना अत्यंत जरुरी भी  है ।


अभियान की योजना
इस अभियान ( लंगट सिंह कॉलेज को ऐतिहासिक धरोहर का दर्ज़ा दिलवाना) के प्रथम चरण में पत्र के माध्यम से सुचना देने का काम किया गया है ताकि सरकार स्वतः संज्ञान लेते हुए इस कॉलेज के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इसे राष्ट्रिय धरोहर का दर्ज़ा दे देगी । अगर सरकार के स्तर से कुछ काम नहीं होगा तो अगले चरण में हस्ताक्षर अभियान चलाकर विधानसभा और संसद में इस बात को उठावाया जायेगा ताकि सरकार जन-भावनाओ की क़द्र करते हुए स्वतः मंजूरी दे देगी।  अगर इससे भी कुछ नहीं होता तब आगे की योजना एक बड़ी गोष्ठी के माध्यम से प्रबुद्ध जनों के निर्देश में तय की गयी दिशा में की जाएगी 


सहयोग करने का वादा मिला  
मुजफ्फरपुर के संसद सदस्य जयनारायण निषाद और विधायक  सुरेश शर्मा ने इस सन्दर्भ में कहा है कि उनके तरफ से जो भी संभव होगा वो करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर मामले को सदन में उठाने की भी बात कही है। बेगुसराय के सांसद और सिवान के संसद सदस्य के पत्र का इंतज़ार है, वैसे उनके तरफ से भी मौखित समर्थन की जानकारी मिली है। इसके अतिरिक्त दिनकर स्मृति न्यास  और राजेंद्र प्रसाद के स्मिर्तियो को सहेजने में  जुटे संगठनो ने भी इस कार्य में मदद का वादा किया है। इसके अतिरिक्त फेसबुकऑरकुटब्लाग्स(lscollege.blogspot.com ) जैसे  सोसल  नेट्वोर्किंग माध्यमो से आम जनता  के बीच और खासकर छात्रों के बीच बात को पहुचने का काम जारी है | देश भर के विभिन्न जगहों में पढ़ रहे मुजफ्फरपुर और खासकर L .S .कॉलेज के पूर्व छात्र इसको लेकर काफी उत्साहित भी है.l 
                                   मीडिया के माध्यम से  हमारी अपील है शिक्षकगणविद्यार्थियों , बुद्धिजीवियों और गणमान्य नागरिको से  की इस अभियान को सफल बनाने हेतु हमारा सहयोग करें ताकि कॉलेज  राष्ट्रिय धरोहर बने और कॉलेज के नाम से पूरा देश शहर को जानने लगे .